खिड़की न होती तो क्या होता कमरे का जीवन कितना नीरस | हिंदी Poetry Vide

"खिड़की न होती तो क्या होता कमरे का जीवन कितना नीरस होता व्याकुल मन हवा पानी धूप को तरसता खिड़की न होती तो क्या होता। खिड़की से दिखती है बाहर की दुनिया गुलमोहर के चटक लाल फूल पर बैठी चिड़ियां हरे दूब पर दौड़ती गिलहरियां टिमटिमाते जुगनू और रंगों से भरी तितलियां। अमर प्रताप सिंह ©Amar Pratap Singh "

खिड़की न होती तो क्या होता कमरे का जीवन कितना नीरस होता व्याकुल मन हवा पानी धूप को तरसता खिड़की न होती तो क्या होता। खिड़की से दिखती है बाहर की दुनिया गुलमोहर के चटक लाल फूल पर बैठी चिड़ियां हरे दूब पर दौड़ती गिलहरियां टिमटिमाते जुगनू और रंगों से भरी तितलियां। अमर प्रताप सिंह ©Amar Pratap Singh

#happyholi

People who shared love close

More like this

Trending Topic