मै गिरा नहीं मुझे बक्त्त ने गिराया है, आज सर्दी है
"मै गिरा नहीं मुझे बक्त्त ने गिराया है,
आज सर्दी है तो कल गर्मी भी आएंगी ,
ठंड की कड़कती हवा में मेरे पंखों को झुकाया है,
आने दो गर्मी को देख लेना तुम भी ,
गर्म हवा ने मेरे पंखों को उठाया है,"
मै गिरा नहीं मुझे बक्त्त ने गिराया है,
आज सर्दी है तो कल गर्मी भी आएंगी ,
ठंड की कड़कती हवा में मेरे पंखों को झुकाया है,
आने दो गर्मी को देख लेना तुम भी ,
गर्म हवा ने मेरे पंखों को उठाया है,