गीली मेहंदी रोई होगी चुपके घर के कोने मैं ताजा काज | हिंदी कविता Video
"गीली मेहंदी रोई होगी चुपके घर के कोने मैं
ताजा काजल छुटा होगा चुपके चुपके रोने में
जब बेटे की अर्थी आयी होगी घर के सुने आंगन में शायद दुध उतर आया हो बूढ़ी मा के दामन में
#कारगिल शहीद"
गीली मेहंदी रोई होगी चुपके घर के कोने मैं
ताजा काजल छुटा होगा चुपके चुपके रोने में
जब बेटे की अर्थी आयी होगी घर के सुने आंगन में शायद दुध उतर आया हो बूढ़ी मा के दामन में
#कारगिल शहीद