मैं पूरी रात दाएं से बाएं करवट बदलता रहा , मैं पूर | हिंदी Quotes Vide

"मैं पूरी रात दाएं से बाएं करवट बदलता रहा , मैं पूरी रात अंधेरे में पंखा तकता रहा। मैं पूरी रात अंधेरे से पूछता रहा सवाल, पूरी रात सवालों से बिगड़ सा गया है हाल। लोग कहते है मुझको गलती मेरी ही है, मैं ढूंढता रहा अंधेरे में मिलता नही जवाब। घंटों हूं सोचा की सब क्यों और कैसे है चल रहा , बेवजह मैं क्यों अंदर से मर रहा। उठता, भागता,दौड़ता मैं सुबह से डर रहा , रात काली है पर कबूल है मैं कल से डर रहा। लोग सब मेरे आस पास अभी अभी तो खुश थे, अभी अभी तो मैं था मुस्कुरा रहा । अभी अभी तो मुझे इंतजार था बस कल का , अभी अभी तो देखो मैं कल से डर रहा। मैं लोगों को खुश करता चला गया , फिर समझा जो समझदार है उसे तो ठोकर सिखा गया । अभी अभी तो छोड़ा था हाथ की संभाल लोगे तुम, और देखो अभी अभी एक ठोकर गिरा गया। बदला फिर से करवट पैर कपड़ो की गठरी से टकराया, उफ्फ अभी अभी तो इधर से था बस्ता हटाया। क्यों जो सब खरीदा था शौख से अब बोझ सा लगने लगा, उफ्फ, वक्त है जनाब ! मुझे अकेलेपन का रोग सा लगने लगा। मैं लोगों से दूर होकर, लोगों से सवाल करता हूं, खो देता हूं रिश्ते फिर क्यों मैं मलाल करता हूं। था मलाल तो रोक लेना था आखिरी फैसला , पर कब तक बाकियों का बनाए रख पाऊं झूठा हौसला। मैं हार गया हूं ऐसा लगने लगा मुझे, पर जीत जाऊंगा उम्मीद है मुझे।। और उम्मीद पे दुनिया कायम है दोस्त🌻✨ , ©SHAYADWRITER "

मैं पूरी रात दाएं से बाएं करवट बदलता रहा , मैं पूरी रात अंधेरे में पंखा तकता रहा। मैं पूरी रात अंधेरे से पूछता रहा सवाल, पूरी रात सवालों से बिगड़ सा गया है हाल। लोग कहते है मुझको गलती मेरी ही है, मैं ढूंढता रहा अंधेरे में मिलता नही जवाब। घंटों हूं सोचा की सब क्यों और कैसे है चल रहा , बेवजह मैं क्यों अंदर से मर रहा। उठता, भागता,दौड़ता मैं सुबह से डर रहा , रात काली है पर कबूल है मैं कल से डर रहा। लोग सब मेरे आस पास अभी अभी तो खुश थे, अभी अभी तो मैं था मुस्कुरा रहा । अभी अभी तो मुझे इंतजार था बस कल का , अभी अभी तो देखो मैं कल से डर रहा। मैं लोगों को खुश करता चला गया , फिर समझा जो समझदार है उसे तो ठोकर सिखा गया । अभी अभी तो छोड़ा था हाथ की संभाल लोगे तुम, और देखो अभी अभी एक ठोकर गिरा गया। बदला फिर से करवट पैर कपड़ो की गठरी से टकराया, उफ्फ अभी अभी तो इधर से था बस्ता हटाया। क्यों जो सब खरीदा था शौख से अब बोझ सा लगने लगा, उफ्फ, वक्त है जनाब ! मुझे अकेलेपन का रोग सा लगने लगा। मैं लोगों से दूर होकर, लोगों से सवाल करता हूं, खो देता हूं रिश्ते फिर क्यों मैं मलाल करता हूं। था मलाल तो रोक लेना था आखिरी फैसला , पर कब तक बाकियों का बनाए रख पाऊं झूठा हौसला। मैं हार गया हूं ऐसा लगने लगा मुझे, पर जीत जाऊंगा उम्मीद है मुझे।। और उम्मीद पे दुनिया कायम है दोस्त🌻✨ , ©SHAYADWRITER

Waqt hai beet jayega 🌻

#Umeed #waqtbadaltahai #Hope #meripicchlikayiraatein

People who shared love close

More like this

Trending Topic