एक परिन्दा उड़ता चला गया
सोचा सही ठिकाने पहुँच जायेगा,
पता ना था वो उड़ता उड़ता कहीं ओर चला जायेगा,
सोचा अब तो लौट आयेगा,
पर वो लौट नहीं पाया,
ना जाने ऐसा क्या गुनाह हो गया, वो मुझसे ऐसे जुदा हो गया।
©Saurabh Pandit
#Morning Riya katara writersahabmathura ramakantdubey Osama komal sindhe Mahadevi