“नहीं है मुझे कोई चिंता कि आगे क्या होगा और क्या नहीं
मैं बस इतना जानता हूँ कि मेरे हक़ में तेरी यारी है
क्यों करूँ मैं फ़िक्र झूठे, फरेबी और मक्कार ज़माने की?
मैं जानता हूँ कि मेरी इकलौती ताक़त तेरी यारी है…”
©Ajay Meena
#friends “नहीं है मुझे कोई चिंता कि आगे क्या होगा और क्या नहीं
मैं बस इतना जानता हूँ कि मेरे हक़ में तेरी यारी है
क्यों करूँ मैं फ़िक्र झूठे, फरेबी और मक्कार ज़माने की?
मैं जानता हूँ कि मेरी इकलौती ताक़त तेरी यारी है…” दोस्ती शायरी