राम से भी बढ़कर राम का पवित्र नाम,
राम नाम के सहारे चले सारा संसार है।
निर्बल के है बलराम, निर्धन के है धन राम,
सगरे जीवन का यही इक सार है।
पापियो के पाप हरे,दुखियो दुःख हरे,
श्रद्धा-विश्वास का यही तो आधार है।
तन-मन-धन से जो ध्यान धरे प्रभु का तो ,
भवसागर से होता उसका ही बेङा पार है।
©Anand Ji Mayura Ji
आनंद के रंग