किससे खता करे किसे सजा दे
खुदा से मुँह फेर लें
य जिन्दगी से जुदा हो जायें
समझ नहीं आ रहा
इस झूलते हुए पहलु का
कैसे सामना करें
तकदीर को इल्जाम दें
य लकीरों को मिटाने में लग जाएं
इस दोलन घड़ी के ठहरने क
रास्ता ही न नजर आये
तलाश तो थी एसे रास्ते कि
जहाँ रुकावटें हो
पर बैचेनियां नहीं
खुदा से गुजारीशे हो
पर शिकायतें नहीं
जिन्दगीं कि इस घड़ी ने
ऐसा काँटा चुभोया
जिसका ज़खम त उम्र
न भर पाया।
©Hymn
#Time #sed feeling