भूल ज लोकतंत्र के इस जंग को.." ये अब मुफ़्लसी में म | हिंदी Shayar

"भूल ज लोकतंत्र के इस जंग को.." ये अब मुफ़्लसी में मर जायेगी.." ये राजतंत्र की रोटी है साहब.." तेरे थाली में दिखेगी पर मुँह में नही आयेगी.." page 5 ©Alone Happy"

 भूल ज लोकतंत्र के इस जंग को.."
ये अब मुफ़्लसी में मर जायेगी.."
ये राजतंत्र की रोटी है साहब.."
तेरे थाली में दिखेगी पर मुँह में नही आयेगी.."
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©Alone Happy

भूल ज लोकतंत्र के इस जंग को.." ये अब मुफ़्लसी में मर जायेगी.." ये राजतंत्र की रोटी है साहब.." तेरे थाली में दिखेगी पर मुँह में नही आयेगी.." page 5 ©Alone Happy

#Soul

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