समय नहीं है अब,
समझने और समझाने का ,
बस हकीकत को किस्मत समझ
और ...
जोर से मुस्कराने का ll
वक़्त को जाया मत कर,
इन एहसान फरामोश इन्सानों पर,
खुद कि पहचान बना,
अपने टूटे मन को हथियार बना और फिर...
और फिर...
क्या.....
तालियों की गड़गड़ाहट के गूँज से भरी महफिल में,
उनको बुलाने का ll
दीपशिखा ओझा द्विवेदी
©Deepshikha ojha
#retro #dsojha #Nojoto #motivate Nîkîtã Guptā @Anshu writer