White लम्हा लम्हा कम होना है
जिंदगी का यही तो रोना है
क्यूँ जिये हम मायूस होकर
एक ना एक दिन जिंदगी खोना है
जागो जागो सबेरा हुआ है
विचारों में शुद्धता दुआं है
जैसा चाहेंगे वैसा कभी
क्या किसीके साथ हुआ है
मेहमान सभी इस धरा पर
क्या खोना क्या पाना है
क्यूँ जिये हम मायूस होकर
एक ना एक दिन जिंदगी खोना है
अपना क्या और पराया क्या
पाने से पहले सोचो बोया क्या
जनम मिला है जियो जीभरके
मौत के बाद भी कोई जीया क्या
करोगे अच्छा अच्छा पाओगे
इतना ही समझ में आना है
क्यूँ जिये हम मायूस होकर
एक ना एक दिन जिंदगी खोना है.....
मी माझी.....
©Sangeeta Kalbhor
#sad_shayari