हे प्रिये आपको आमंत्रित करता हूं
इस अनंत अंधकार में जो तन्हाई से परिपूर्ण है
आओ, एक प्रज्वलित दीपक की भाँति और मुझे निकालकर ले चलो उस अनंत प्रकाशमय धारा में
जहाँ मैं सराबोर होकर पवित्र हो सकूँ तुम्हारे मन की भांति
ले चलो मुझे अपने भाव की बहती लहरों में जहाँ मैं शांति पूर्ण जीवन का अंत कर सकूँ
हे प्रिये आपको आमंत्रित करता हूं
ले चलो मुझे ,ले चलो मुझे
©Abhay Katiyar
#meritanhai