माना कि मसिहा तुमसा हो नहीं सकता ।।
और सांचे में ढली कोई मूर्त तुम जैसी हो नहीं सकती ।।
कर बंद आंखें तुम्हे वो सोचता है ।।
सबसे ज़्यादा ही तुम्हें वो पूजता है ।।
कहते हैं ख़ुदाई में मोह होता है ।।
उसकी ख़ुदाई उसकी बंदगी सब तुमसे है ।।
मगर वो मोह के खत्म होने से डरता है ।।
शायद इसलिए वो आजकल बस खामोश रहता है।।
फिर भी हर दिन वो तुम्हारी ही इबादत करता है ।।
@writerrai
#Nojotovoice #Affection #Pain #qoutes #Reality