तमाशा ये चार दिन का नहीं , वतन से मुहब्बत हम | हिंदी Shayari Video

"तमाशा ये चार दिन का नहीं , वतन से मुहब्बत हमें पैदाईशी है।। ©Rk Raaj "

तमाशा ये चार दिन का नहीं , वतन से मुहब्बत हमें पैदाईशी है।। ©Rk Raaj

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