विश्वास विश्वास इतना था की बंद आखों से भी तेरा दी | हिंदी शायरी

"विश्वास विश्वास इतना था की बंद आखों से भी तेरा दीदार होता था तेरे रहमोकरम पर टिकी थी साँसे और उस लम्हों का इन्तेजार होता था । ©prakash mishra"

 विश्वास विश्वास इतना था
की 
बंद आखों से भी तेरा दीदार होता था 
तेरे रहमोकरम पर टिकी थी साँसे 
और उस लम्हों का इन्तेजार होता था ।

©prakash mishra

विश्वास विश्वास इतना था की बंद आखों से भी तेरा दीदार होता था तेरे रहमोकरम पर टिकी थी साँसे और उस लम्हों का इन्तेजार होता था । ©prakash mishra

#विश्वास

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