गीत - मां के बिना ये सारी दुनिया अधूरी है
बैठ अकेले आप कभी ये सोचना, क्यों जरूरी है
मां के बिना ये सारी दुनिया अधूरी है......अधूरी है
आना जाना लगा रहेगा
मिलते रहना लोगो से
लेकिन ये सुन लेना दिलखुश
बचकर रहना लोगो से
मिलते हो लोगो से हंसकर मां से फिर क्यों दूरी है
मां के बिना.................................... अधूरी है
दुनिया में लाकर जिसने किया
तुम पर बहुत बड़ा उपकार
लाड़ प्यार से बड़ा किया
उसको क्यों नही मिला है प्यार
जिसने छोड़ा मां को उससे पूछो क्या मजबूरी है
मां के बिना.................................. अधूरी है
मिलते होंगे लाख मुसाफिर
उस सा मिल ना पाएगा
जाएगी जब छोड़ के आंगन
रोएगा पछताएगा
पूछ लो खुद अपने मन से मां कितनी जरूरी है
मां के बिना................................. अधूरी है
जैसा करोगे वैसा भरोगे
याद हमेशा रखना तुम
इस दुनिया के सबसे कड़वे
स्वाद को चखते रहना तुम
दुनिया में तेरी सुगंध फैलाने वाली वो कस्तूरी है
मां के बिना................................. अधूरी है
©Dilkhush Rao Suras
मां के बिना ये सारी दुनिया अधूरी है