नमन उन्हें जो अमन दे गए
गुलामी की जंजीरे तोड़ खुशहाली की आज़ादी दे गए
ये आसान न था ये दिन देख पाना
गर्व से राष्ट्रीय ध्वज फहराना
सौ वर्षो की कुर्बानी हैं
वीर/वीरांगनाओं की बलिदान की कहानी हैं
जिसने आजाद भारत के लिए खपायी अपनी जवानी हैं
जिनकी गाथा अमृतवाणी हैं
नमन उन्हें जिनके बदौलत आजादी की अमृत महोत्सव माननी हैं
आजादी की इस महोत्सव को हर जगह तिरंगे के रूप में मनानी हैं।
©Arun kr.
#IndependenceDay