तेरी सोहबतों के बाद। शब-ए-हिज्र में ही जिया है हम | हिंदी Shayari

"तेरी सोहबतों के बाद। शब-ए-हिज्र में ही जिया है हमने तेरे बाद भी तुझी से इश्क किया है हमने यह तेरी जिम्मेदारी है कि लौट आए तू मेरे बस में था इंतजार करना सो किया है हमने हर बार अपनी हसरतों को मार कर बेचैनियों पर इख़्तियार किया है हमने और तुम मिले या ना मिले मुझे पर अपनी मंज़िल-ए-हस्ती तुझी पर निशार किया है हमने ऐसा कोई पल न गुजरा जिसमें तू ना हो अपने हर सांस को तेरे नाम किया है हमने तेरे बाद भी तुझी से इश्क किया है हमने..... ©BIKASH SINGH"

 तेरी सोहबतों के बाद। 
शब-ए-हिज्र में ही जिया है हमने 

तेरे बाद भी 
तुझी से इश्क किया है हमने 

यह तेरी जिम्मेदारी है कि लौट आए तू 
मेरे बस में था इंतजार करना सो किया है हमने 

हर बार अपनी हसरतों को मार कर 
बेचैनियों पर इख़्तियार किया है हमने 

और तुम मिले या ना मिले मुझे पर 
अपनी मंज़िल-ए-हस्ती तुझी पर निशार किया है हमने 

ऐसा कोई पल न गुजरा जिसमें तू ना हो 
अपने हर सांस को तेरे नाम किया है हमने 

तेरे बाद भी 
तुझी से इश्क किया है हमने.....

©BIKASH SINGH

तेरी सोहबतों के बाद। शब-ए-हिज्र में ही जिया है हमने तेरे बाद भी तुझी से इश्क किया है हमने यह तेरी जिम्मेदारी है कि लौट आए तू मेरे बस में था इंतजार करना सो किया है हमने हर बार अपनी हसरतों को मार कर बेचैनियों पर इख़्तियार किया है हमने और तुम मिले या ना मिले मुझे पर अपनी मंज़िल-ए-हस्ती तुझी पर निशार किया है हमने ऐसा कोई पल न गुजरा जिसमें तू ना हो अपने हर सांस को तेरे नाम किया है हमने तेरे बाद भी तुझी से इश्क किया है हमने..... ©BIKASH SINGH

#तेरी_सोहबतों_के_बाद....

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