रेखते के तुम ही उस्ताद नहीं हो ग़ालिब, कहते हैं अग | हिंदी Shayari

"रेखते के तुम ही उस्ताद नहीं हो ग़ालिब, कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था .. ©singga__singga__"

 रेखते के तुम ही उस्ताद नहीं हो ग़ालिब,
कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था ..

©singga__singga__

रेखते के तुम ही उस्ताद नहीं हो ग़ालिब, कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था .. ©singga__singga__

#ballet #Shayar♡Dil☆ #shayar_ka_dill #singga_singga_ #singga_ss_

People who shared love close

More like this

Trending Topic