घिरी हुई अपने ही सवालों में
और उलझ सी गई हुई मैं
सोचते सोचते सबकी खुशी
अपनी ख़ुशी खो रही हूँ मैं
कुछ खोया या सब पा लिया मैने??
इसकी तलाश में कहीं दूर जा रही हूँ मैं
अगर सब है तो कहाँ है??
इन एहसासों की याद धुंधला क्यों गयी हैं??
इस अनदेखी परत को मिटाने के लिए
खुद को आज़ाद कर रही हूं मैं।
©@happiness
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#safar