White Shakhsiyat मैं लिखने को लिखदु पूरी दास्तान | हिंदी Poetry

"White Shakhsiyat मैं लिखने को लिखदु पूरी दास्तान अपनी तुम दिल से मेरी बातें सुनोगे क्या? बोल बोल कर भी अंसुना ही रह गया था कबसे बिन बोले मेरी बातें सुनोगे क्या? यू दीखने में मैं तुम्हें आम ही लगूंगा क्यूं खास हूं मैं तुम समझोगे क्या ? सच बोलता हूं अक्सर मैं सबके ही सामने कभी झूठ मेरा भला तुम समझोगे क्या ? मुस्कुराता हूं अक्सर हर बात में मैं मेरी खामोशी के आंसु तुम देखोगे क्या ? जिस्म देखा है तूने भी बाकियों की तरह मेरी रूह भी भला तुम देखोगे क्या ? ©Bhupendra Deep"

 White Shakhsiyat

मैं लिखने को लिखदु पूरी दास्तान अपनी 
तुम दिल से मेरी बातें सुनोगे क्या?

बोल बोल कर भी अंसुना ही रह गया था कबसे 
बिन बोले मेरी बातें सुनोगे क्या? 
यू दीखने में मैं तुम्हें आम ही लगूंगा 
क्यूं खास हूं मैं तुम समझोगे क्या ? 
सच बोलता हूं अक्सर मैं सबके ही सामने 
कभी झूठ मेरा भला तुम समझोगे क्या ?
 मुस्कुराता हूं अक्सर हर बात में मैं
 मेरी खामोशी के आंसु तुम देखोगे क्या ?
 जिस्म देखा है तूने भी बाकियों की तरह 
मेरी रूह भी भला तुम देखोगे क्या ?

©Bhupendra Deep

White Shakhsiyat मैं लिखने को लिखदु पूरी दास्तान अपनी तुम दिल से मेरी बातें सुनोगे क्या? बोल बोल कर भी अंसुना ही रह गया था कबसे बिन बोले मेरी बातें सुनोगे क्या? यू दीखने में मैं तुम्हें आम ही लगूंगा क्यूं खास हूं मैं तुम समझोगे क्या ? सच बोलता हूं अक्सर मैं सबके ही सामने कभी झूठ मेरा भला तुम समझोगे क्या ? मुस्कुराता हूं अक्सर हर बात में मैं मेरी खामोशी के आंसु तुम देखोगे क्या ? जिस्म देखा है तूने भी बाकियों की तरह मेरी रूह भी भला तुम देखोगे क्या ? ©Bhupendra Deep

#Sad_Status sakhshiyat

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