जाते जाते लड़ना ज़रूरी था क्या ? मुझे तोड़ कर आगे | हिंदी Shayari
"जाते जाते लड़ना
ज़रूरी था क्या ?
मुझे तोड़ कर आगे बढ़ना
ज़रूरी था क्या ?
मैं टीका कर निघाएं
तुझ पर बैठा था अकेला
तुझे बीघा कर आंखों को
किसी और से लिपटना
ज़रूरी था क्या ?
~~Manish thakur"
जाते जाते लड़ना
ज़रूरी था क्या ?
मुझे तोड़ कर आगे बढ़ना
ज़रूरी था क्या ?
मैं टीका कर निघाएं
तुझ पर बैठा था अकेला
तुझे बीघा कर आंखों को
किसी और से लिपटना
ज़रूरी था क्या ?
~~Manish thakur