बेहिसाब सुलगकर जी रहा हूं जिंदगी अपनी! अगर मैं मर | हिंदी शायरी

"बेहिसाब सुलगकर जी रहा हूं जिंदगी अपनी! अगर मैं मर जाऊं तो मुझे जलाना फिजूल है!! ©Anuj thakur "बेख़बर""

 बेहिसाब सुलगकर जी रहा हूं जिंदगी अपनी!
अगर मैं मर जाऊं तो मुझे जलाना फिजूल है!!

©Anuj thakur "बेख़बर"

बेहिसाब सुलगकर जी रहा हूं जिंदगी अपनी! अगर मैं मर जाऊं तो मुझे जलाना फिजूल है!! ©Anuj thakur "बेख़बर"

जलाना

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