ज़िन्दगी की जद्दोजहद और वक़्त की फितरत किसका रास् | हिंदी शायरी
"ज़िन्दगी की जद्दोजहद और वक़्त की फितरत
किसका रास्ता छोड़ती है ?
कुछ देर हमसे हो रही है सवाल पूछने में
कुछ देर बाद उन सवालों के मायने नही है .
दिन गुजर रहा है , रात कट रही है
एक शाम मिल रही है जो हिसाब पूछ रही है..."
ज़िन्दगी की जद्दोजहद और वक़्त की फितरत
किसका रास्ता छोड़ती है ?
कुछ देर हमसे हो रही है सवाल पूछने में
कुछ देर बाद उन सवालों के मायने नही है .
दिन गुजर रहा है , रात कट रही है
एक शाम मिल रही है जो हिसाब पूछ रही है...