कहते हैं मोहब्बत इश्क है, प्यार है, वफ़ा है
वादा है, इन्कार है, दगा है
मोहब्बत वबा है, मोहब्बत दवा है
जो ना चाहते हुए हो जाए, वो खता है
किसी शायर की पूरी ग़ज़ल
कभी अधूरी शायरी तो कभी कता है
मैं ने भी पूछा चकवे से बासित
मोहब्बत की कोई निशानी है? कोई अदा है?
चकवा बोला, है तो जीने का सबब है
ना मिले तो मौत, खुशीयों का आखिरी मक़्ता है
#अब्दुल_बासित_तहकीक.......✍️
©Syed Abdul Basit
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