*चक्की के दो पाटों में,*
*एक स्थिर और दूसरा गतिमान हो,*
*तभी अनाज पिस सकता है।*
*इसी प्रकार मनुष्य में भी दो पाट होते हैं.*
*एक मन, और दूसरा शरीर*
*यदि मन स्थिर और शरीर गतिमान रहे.*
*तभी सफल व्यक्तित्व संभव है।*
*सुप्रभात*
*आपका दिन मंगलमय हो*
©KRISHNA
#addiction