सबको कुछ न कुछ चाहिए बदले में यूंही बेबजह ज़कात क | हिंदी शायरी

"सबको कुछ न कुछ चाहिए बदले में यूंही बेबजह ज़कात कौन करे यहां चाहिए सबको जीते हुए लोग आखिर हम हारे हुओं से बात कौन करे ©NITISH NISAR"

 सबको कुछ न कुछ चाहिए बदले में  यूंही बेबजह ज़कात कौन करे
यहां चाहिए सबको जीते हुए लोग
आखिर हम हारे हुओं से बात कौन करे

©NITISH NISAR

सबको कुछ न कुछ चाहिए बदले में यूंही बेबजह ज़कात कौन करे यहां चाहिए सबको जीते हुए लोग आखिर हम हारे हुओं से बात कौन करे ©NITISH NISAR

#hindi_poem_appreciation

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