मेरे खुद की लिखी कविता
हमने आंखों के पानी में खारे सागर देखें हैं |
और गरीबों के कंधों पर पूरे भाकर देखें हैं||
कोई भूखी अंतड़ियों की चीखे संसद तक पहुंचा दो |
आज सवेरे सड़क किनारे भूखे टाबर देखें हैं ||
राजनीति की भाषा हमको समझ नहीं आती है पर |
भाषण से ही भूख मिटाने वाले जादूगर देखें हैं
#bhukh #rajneeti