आधे ख़्याल तुम्हारे, आधे सवाल हमारे
हमेशा मै तुम्हारी तस्वीरों को अपनी आधी तस्वीरों से लगाकर देखा करती थी तुम्हें,
अक्सर मेरी आदत मैंरे जी का जंजाल बना करती थी, कभी खूबसूरत लगती है कभी आफत
मेरी सारी कल्पनाएं आधी-आधी तस्वीरों में हमेशा बटी रही
मेरे आधे सुख , मेरी आधी हकीकत
तुम्हारी मेरी
आधी तस्वीरों में सीमट कर अधूरी और आधी जिंदगी रहगयी
©Mou$humi mukherjee
#worldphotographyday