बाहर से सख्त अंदर से कोमल , पिता का हृदय कांच सा | हिंदी कविता Video

"बाहर से सख्त अंदर से कोमल , पिता का हृदय कांच सा निर्मल ।। उँगली पकड़के चलना सिखाते , बच्चों के नायक , परिवार का बल ।। आसमाँ से ऊँचे हैं , ईश्वर स्वरूप , पिता ही होते हैं हम बच्चों के संबल ।। ©LAFZ E RIMA "

बाहर से सख्त अंदर से कोमल , पिता का हृदय कांच सा निर्मल ।। उँगली पकड़के चलना सिखाते , बच्चों के नायक , परिवार का बल ।। आसमाँ से ऊँचे हैं , ईश्वर स्वरूप , पिता ही होते हैं हम बच्चों के संबल ।। ©LAFZ E RIMA

#FathersDay #कविता #Nojoto #nojotohindi

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