प्यारे कान्हा......... ❤️❤️
एक पल मैं हंसती हूँ,
तो दूजे पल में,
मन फिर उदास हो जाता है।
तुमसे मिलने को मेरे कान्हा,
ये मन बार-बार मचल जाता है।
कान्हा......!
बहुत तड़पा रहे हो तुम,
पल मे उम्मीद देकर,
उस उम्मीद को तोड़ते जा रहे हो तुम।
पर मैं भी........
तुम्हारी ही सखी हूँ कान्हा,
हार नहीं मानूँगी.....
मेरे और तुम्हारे नाम के बीच जो दूरी है
वृन्दावन आकर उस दूरी को जरूर मिटाऊँगी।
प्यार करती हूँ तुमसे कान्हा.......
तो मरते दम तक इंतज़ार करूँगी।
इन विरह के आँसुओ से,
जीवन पर्यंत इस प्रेम रूपी बेल को सींचती रहूंगी।
विश्वास है प्यारे कान्हा.......
कभी तो अपनी सखी को वृन्दावन बुलाओगे,
मेरे नाम को अपने नाम से जोड़कर
तुमसे ही मेरी पहचान बनाओगे।
श्रेया_कान्हा....... 💞💞
©Shreya Garg
प्यारे कान्हा 🥰🥰