White सपने सारे सपने हैं
कहने को बस अपने हैं
है दूजा कौन जो फिकर करे
परिवारों की
बीच भंवर में फ़सी पड़ी है किसे है चिंता
पतवारों की
उन्हें चाहिए आजादी
चाहे मर्यादा मरघट में जाए
अपने जीस्त से मतलब है
चाहे रिश्तो में खटपट आए
यही है दुनिया यही कहानी सबकी है
चली आ रही है युगों युगों से
न तब की है न अब की है
कौन करे मेल- मिलाप
कौन हलक से हमदर्दी बाँटे
जब लगा है खून दांतो में एकलापन का
कौन अपने - पराये का दूरी काटे
रहो रुखसत रहो खफ़ा
बस ऊपर वाले का खयाल रहे
है नहीं क्यूँ सब के संग मेरा मन
बस यही अंतर्मन में सवाल रहे
©naveenlupoetry
#Sad_Status hindi poetry on life poetry lovers hindi poetry poetry in hindi deep poetry in urdu