मैं टूटी कस्ती का नाखुदा हूँ तू मेरे साथ ना चल,
रह जाएगा बीच मझधार तू मेरे साथ ना चल,
कि मेरी मंजिल है यह सफरनामा , तू इस सफर मे मेरे साथ ना चल।।।।
ख्वाइश -ए-साहिल हो तो चुन लो दूसरा रस्ता ,
मुसाफिर -ए- मौज मै ,,,तु मेरे साथ ना चल।।।।।।।
©disha shekhawat
#safar_mera