ना उम्मीदी के अंधेरे से निकलकर उम्मीद करने लगी हूं | हिंदी Shayari Vid

"ना उम्मीदी के अंधेरे से निकलकर उम्मीद करने लगी हूं जब से सुना है तू मेरे शहर में है तू मुझसे मिलनेआएगा मैं तेरा इंतजार करने लगी हूं ©kunti sharma "

ना उम्मीदी के अंधेरे से निकलकर उम्मीद करने लगी हूं जब से सुना है तू मेरे शहर में है तू मुझसे मिलनेआएगा मैं तेरा इंतजार करने लगी हूं ©kunti sharma

#LightofHope

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