मन बंजारा भयो रे सूना संसार पथ पथरीला रे चलो पाँव | हिंदी कविता

"मन बंजारा भयो रे सूना संसार पथ पथरीला रे चलो पाँव रगडो रे स्वपन के रंग चलो रे घर से बैरागी हो रे ढेरे यहाँ-वहाँ के धरो रे बंजारन मन काहे लगे रे संसार के गुहार में कहे सजे रे एकल खड़े ढेरा डाले रे मन सपनो के द्वार खड़ो रे बंजारा भयो रे ©Kavitri mantasha sultanpuri"

 मन बंजारा भयो रे
सूना संसार पथ पथरीला रे
चलो पाँव रगडो रे
स्वपन के रंग चलो रे
घर से बैरागी हो रे
ढेरे यहाँ-वहाँ के धरो रे
बंजारन मन काहे लगे रे
संसार के गुहार में कहे सजे रे
एकल खड़े ढेरा डाले रे
मन सपनो के द्वार खड़ो रे
बंजारा भयो रे

©Kavitri mantasha sultanpuri

मन बंजारा भयो रे सूना संसार पथ पथरीला रे चलो पाँव रगडो रे स्वपन के रंग चलो रे घर से बैरागी हो रे ढेरे यहाँ-वहाँ के धरो रे बंजारन मन काहे लगे रे संसार के गुहार में कहे सजे रे एकल खड़े ढेरा डाले रे मन सपनो के द्वार खड़ो रे बंजारा भयो रे ©Kavitri mantasha sultanpuri

#BanjaaranSoul
#KavitriMantashaSultanpuri

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