"हां..! राजनीति में हो रहे हर प्रकार के विनोद को, बिनोद केवल देख ही नही रहा है, वह समझ भी रहा है और वह जानता है कि,
बना रहे है वो इतिहास को आज परिहास्य
वर्तमान पर नाही रूदन है और नाही हास्य
बनती गई राजनीति आज बहुत हास्यास्पद
हर तथ्य को बनने देना केवल विवादास्पद
©अदनासा-
"