डर ये नही है की अब तुमसे
बात नही होगी
ना ही ये है कि अब तुमसे
मुलाकात नही होगी
पर हां ! डर रहा हु मैं
अब कभी तुम मुझसे मिलोगे , तो अजनबी की तरह
चाहत रहेगी पर तुमपे
हक कैसे जताऊंगा मैं ,
मन तो गले लगाने का होगा
पर तुमको छू भी नहीं पाऊंगा मैं ।
सामने ही रहोगे पर महसूस मिलों की दूरी होगी
वो दूरी भी ठीक है
पर तुमको ना देखना भी मेरी मजबूरी होगी ।
ऐसे अनगिनत सवालों से घिरा हूं मैं
हां !
अब डर रहा हु मैं
©Suraj pandey
#alone