ज़िन्दगी ज़िल्द है तूँ बिखरी हिसाबों की तरह मैं तुझे | हिंदी कविता Video
"ज़िन्दगी ज़िल्द है तूँ बिखरी हिसाबों की तरह
मैं तुझे हाथ लगाता हूं किताबों की तरह
और वो पन्ने जो सवालों से घिरे रहते हैं
मैं उन्हें मोड़ता जाता हूं जवाबों की तरह
✍️प्रवीण त्रिपाठी"
ज़िन्दगी ज़िल्द है तूँ बिखरी हिसाबों की तरह
मैं तुझे हाथ लगाता हूं किताबों की तरह
और वो पन्ने जो सवालों से घिरे रहते हैं
मैं उन्हें मोड़ता जाता हूं जवाबों की तरह
✍️प्रवीण त्रिपाठी