White "एक है ज़मीं दो है मूल कहीं मिलते हैं शूल | हिंदी शायरी

"White "एक है ज़मीं दो है मूल कहीं मिलते हैं शूल कहीं खिलते हैं फूल एक है ज़मीं दो है मूल।" "खुशी मिले या गम सदैव मुस्कुराते रहे हम।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat"

 White "एक है ज़मीं दो है मूल 
 कहीं मिलते हैं शूल 
 कहीं खिलते हैं फूल
एक है ज़मीं दो है मूल।"
"खुशी मिले या गम सदैव मुस्कुराते रहे हम।"

©Azaad Pooran Singh Rajawat

White "एक है ज़मीं दो है मूल कहीं मिलते हैं शूल कहीं खिलते हैं फूल एक है ज़मीं दो है मूल।" "खुशी मिले या गम सदैव मुस्कुराते रहे हम।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat

#sad_dp #सदैव मुस्कुराते रहे#

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