मोहोब्बत क्या है?
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एक खास ऊंची मंजर जहा से गिरने से भी
डर नही लगता
जहा संभलनेका भी मन नहीं करता
अक्सर लोग मोहोब्बत मे दो लोगो की जिक्र करते है
पर ये तो पल है खुद से मिलने का
किसी को मील जाना मोहोब्बत नही
किसी का हो जाना मोहोब्बत नही
मोहोब्बत तो एहसास है खुद से मिलने का
जब अंदर से अकेलापन खत्म हो जाए तब
समझना मोहोब्बत हुई
जब किसी की जरूरत महसूस न हो तब समझना
मोहोब्बत हुई
किसी और से तो लगाव होती है, मोहोब्बत तो सिर्फ
खुद से होती है
जब पूर्णता को समझोगे तभी मोहोब्बत को समझोगे
वरना जिंदगी भर कस्तूरी(मोहोब्बत)ढूंढते रह जाओगे
और हाथ कुछ न पाओगे(be aware,you r your destination,not others)
©Priya
#love_shayari