मेरा साथी मेरी तन्हाइयों में साथ रहता है
वो सूरज है अंधेरों से मुझे आजाद करता है
गमों से दूर रखता है मुसीबत से बचाता है
वो बादल है मुसर्रत की मुझे सौगात देता है
दमकता उसका चेहरा है महकता है बदन उसका
वो नाजुक फूल है खुशबू से वो शरशार करता है
कोई गर पूछता है उसके बारे में तो कहता हूं
वो पुतला है मोहब्ब्त का सभी से प्यार करता हैं
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