"गलियाँ सारी आजकल सुनसान हो गयी हैं।
बस्तियाँ सारी आजकल वीरान हो गयी हैं।।
कम करनें लगे हैं "जमीं" की कद्र वो लोग।
जिनकीं ख्वाहिशें आजकल आसमान हो गयी हैं।।
दौलत की चकाचौंध में चौंधिआए हैं लोग।
ना जानें किस बात से बहुत घबराए हैं लोग।।
भरोसा करूँ भी तो कैसे मैं आजकल किसी पर।
जब भरोसा जमाकर भी धोखा खाए हैं लोग।।
🇮🇳"भारत माता की जय"🇮🇳
©Viswa Sachan"