माँ मैं तेरे आंचल को छोड़ना नहीं चाहती इसकी छाँव छोड़ कहीं आशियाना नहीं चाहती तेरी मोहब्बत ने ही तो महफ़ूज रखी है मुझमें इंसानियत तुझसे दूर होकर मैं अपनी इंसानियत खोना नहीं चाहती । आरज़ू ✒ ©Megh_khushiii_parmar Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto