a-person-standing-on-a-beach-at-sunset तेरी राहें देखते देखते,
कितनी सदियाँ गुजारी मैंने।
सूनी गलियों में जाकर,
सिर्फ ख़ाक ही छानी मैंने।
अब देर ना कर मेरे पास तू आ,
बिंदिया काजल चूड़ी कंगन,
तेरे लिए मँगा ली मैंने।
साथी अब कभी साथ ना छूटे,
रब से यही दुआ माँगी मैंने।
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©Nitish Tiwary
#SunSet