Hello NoJoto Friends...
कविता
खुद की खुद से हुई है
मुलाक़ात जब से
अब किसी और की जरूरत नही लगती.!
किसी और से अब बात करुँ कैसे..
जब खुद से खुद से फुर्सत नही मिलती.!
जब से देखा है खुद की कमियों को..
अब किसी और की कमियाँ नही दिखती.!
जब से मना लिया खुद को हमनें..
जमाने को मनाने की फितरत नही लगती.!
जब से खुद के करीब आए है हम..
खुश रहने के लिए वजहओं की जरूरत नही लगती.!
खुद_से_मुलाकात होने के बाद अब किसी और..
से मुलाकात करने की जरूरत नही लगती.!
©@Hemant.s ( DevBabu .......)