Unsplash तो बीत गया एक और साल उसके बिना भी!
ना मरे हम इस साल उसके बिना भी!
तड़पे तरसे कभी बातें भी कर ली उससे!
न रोए न भीगे उसके बिना भी!
और वो भी खुश है!2
अपने इस नए शुरुआत से।
वो आगे बढ़ी मेरे बिना भी!
ये साल उसको मुझसे और दूर कर देगा!
वो जीना सिख गई है अब!
मेरे बिना भी!!
वो जो तड़प थी उसके अंदर में मेरे लिए!
वो खत्म हो गई है अब मेरे बिना भी!
उसको दिखाई दे रही है सफलता !
अब मेरे बिना भी!
वो दौर भूल गई जब उसके खास थे हम!
मेरे बिना उसकी जब उदास थी शाम!
वो उदास होना,वो मेरे लिए उसका रोना !
न जाने क्यूं अब उसके लिए बदनाम हो गए हम!
और सिख लिया उसने अब जीना मेरे बिना भी!
बीत गया एक और साल उसके बिना भी!!2
©Prakash Vats Dubey
#lovelife