अरे मैं पागल हूं स्नेह की एक किरण भूत करो सो जा पूरी जिंदगी रोशनी से भर जाए गी
पर मैं कैसे भूल गई मेरी जिंदगी में रोशनी की एक किरण भी नहीं लिखी हे खुदा ने क्यों भूल गई मैं जिस चीज को अपना कर दो वह चीज भेज मुझ से कोसों दूर चली जाती है
क्यों किया मैंने ऐसा मैंने जितना कि बोला नहीं बोला था कुछ भी नहीं बोला था ओके देना आता सच सोच सोच के बराबर होता है
©sunil rathor
#Woman