White पी पी कर ज़हर वो इतने ज़हरीले हो गए
के जिस जिस को ढसा वो सब नीले हो गए
आसमान छूने लगे है खोटे सिक्कों के दाम
अंधों की नजारों में पत्थर चमकीले हो गए
मज़हब को भूल गए वो मज़हब के नशे मे मज़हब के नशे मे वो इतने नशीले हो गए
इस क़दर झूठ बोला गया के सच लगने लगा
के लोग शक मे मुब्तला और शकीले हो गए
वो शख़्स गली गली गाता है बस एक ही राग
सुनने वाले सुनकर पागल सनकीले हो गए
जमील
©jameel Khan
# ज़हरीले #