इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिंदगी, हम कौन सा यहाँ बार-बा | हिंदी शायरी

"इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिंदगी, हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं ©मुसाफ़िर क़लम"

 इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिंदगी,
हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं

©मुसाफ़िर क़लम

इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिंदगी, हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं ©मुसाफ़िर क़लम

ज़िंदगी..!

#Life

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