"मेरी कविताओं के लेखन को कैसा मोड़ दूं,
जी करता है कि इस लिखने के दौर को छोड़ दूं।
मुझे तो अच्छा लगता था किसी सत्य को लिखना
पर अब मन करता है कि इस कलम को ही तोड़ दूं..."
मेरी कविताओं के लेखन को कैसा मोड़ दूं,
जी करता है कि इस लिखने के दौर को छोड़ दूं।
मुझे तो अच्छा लगता था किसी सत्य को लिखना
पर अब मन करता है कि इस कलम को ही तोड़ दूं...